साये … !!
तेरी यादों के , साये में जाये , ये मेरी ज़िन्दगी ,
तुझ पे यूँ , दिल लुटाये , ये मेरी ज़िन्दगी !
रवि ; दिल्ली : ३० अगस्त २०१३
तेरी यादों के , साये में जाये , ये मेरी ज़िन्दगी ,
तुझ पे यूँ , दिल लुटाये , ये मेरी ज़िन्दगी !
रवि ; दिल्ली : ३० अगस्त २०१३
फ़ुरसत ना , उनको जफ़ा से , ना हमको वफ़ा मिली ,
जब भी , मिली ये ज़िन्दगी , थोड़ी सी ख़फ़ा मिली !
उसी ने , रक़ीबों को चाहा , जिसको भी चाहा कभी ,
ये चोट , गहरी जहाँ में , है कितनी दफ़ा मिली !
अकेले में , जब भी झुकाई नज़र , तुझको पाया वहीं ,
अपनी , तनहाई भी हमको , खुद से बेवफ़ा मिली !
ख़लीफ़ा हैं हम , सोचा हमने यहाँ , कौन लूटे हमें ,
दुनिया मगर , इश्क़ की हमको , सबसे ख़लीफ़ा मिली !
हमने माँगी थी , ज़िन्दगी में साँसें , तुम्हारे लिये ,
रूसवाई की मौत , मुझको मगर , तेरा तोहफ़ा मिली !
रवि ; दिल्ली : १ सितम्बर २०१३
फ़ुरसत ना उनको जफ़ा से , ना हमको वफ़ा मिली ,
जब भी मिली ये ज़िन्दगी , थोड़ी सी ख़फ़ा मिली !
रवि ; दिल्ली : ३१ अगस्त २०१३
जफ़ा में तेरी , मेरे प्यार का , क़सूर न था ,
प्यार का तेरा , निभाना मगर , ज़रूर न था !
मैं तो करता रहा , जो दिल ने , चाहा मुझसे ,
पर तेरा दिल , तेरे प्यार से , मजबूर न था !
मेरी आँखों में , थी परछाईं , नज़र की तेरी ,
पर तेरी आँखों में , वो प्यार का , सुरूर न था !
तूने शिकवा किया , और जान से , माना मैने ,
चूँकि मेरा ख़ुदा , किसी बात पे , मगरूर न था !
तूने रुसवा किया , मेरे प्यार को , किसी की ख़ातिर ,
जबकि इसके लिये , तेरा चलन , मशहूर न था !
रवि : दिल्ली ; ३० अगस्त २०१३
जफ़ा में तेरी , मेरे प्यार का , क़सूर न था ,
प्यार का तेरा , निभाना मगर , ज़रूर न था !
रवि ; दिल्ली : २९ अगस्त २०१३
जन्म
कृष्ण
आभा
दिवीत !
बाल्य
कृष्ण
मेध
प्रमीत !!
ग्वाले
कृष्ण
सखा
रिशीत !
माखन
कृष्ण
मुख
ससमीत !!
शेषनाग
कृष्ण
क्रीड़ा
किरीत !
बाँसुरी
कृष्ण
मधुर
संगीत !!
यशोदा
कृष्ण
ममता
गीत !
राधा
कृष्ण
प्रेम
सुमीत !!
गोपी
कृष्ण
अनुपम
प्रीत !
रास
कृष्ण
लीला
अमीत !!
गोवर्धन
कृष्ण
रक्षक
संजीत !
कंस
कृष्ण
वध
सुजीत !!
शिशुपाल
कृष्ण
मृत्यु
सभीत !
द्रौपदी
कृष्ण
आस्था
पुनीत !!
अर्जुन
कृष्ण
सारथी
नीत !
सुदामा
कृष्ण
मित्र
गुनीत !!
गीता
कृष्ण
दर्शन
रीत !
सुदर्शन
कृष्ण
त्रिलोक
अजीत !!
छवि
कृष्ण
मनोहर
अविजीत !
मीरा
कृष्ण
अनुराग
अभिजीत !!
संसार
कृष्ण
श्रध्दा
विनीत !
जीवन
कृष्ण
शोभित
अभिनीत !!
मानव
कृष्ण
भक्ति
सुनीत !
हृदय
कृष्ण
आनन्द
अनीत !!
रवि ; दिल्ली : २८ अगस्त २०१३
इश्क़ का ये सिलसिला , अक्सर ग़रीब है ,
है दूर जो होता वही , लगता क़रीब है !
क्यूँ हुआ है इश्क़ और , किसी से क्यूँ हुआ ,
ना मुझको मिलता कोई , इसका अदीब है !
ये चेहरा है नज़र है , या कोई सुरूर है ,
क्यूँ पहली नज़र में कोई , लगता हबीब है !
टूटे जो कभी ख़्वाब यहाँ , इश्क़ का हुज़ूर ,
फिर हर कोई लगता यहाँ , उसको रक़ीब है !
होते हैं फ़ना इश्क़ में सब , दुनिया में यहाँ ,
बिरलों को मिलता कोई , फिर से नक़ीब है !
मिलता यहाँ जो ज़िन्दगी में , हमको हमसफ़र ,
ना बस की है ये बात बस , अपना नसीब है !
रवि ; दिल्ली : २६ अगस्त २०१३
( अदीब : knowledgeable ; हबीब : beloved ; रक़ीब : watcher , Adversary ; नक़ीब : reunionist )
इश्क़ का ये सिलसिला , अक्सर ग़रीब है ,
है दूर जो होता वही , लगता क़रीब है !
रवि ; दिल्ली : २४ अगस्त २०१३
तेरी आँखों से निकले , आँसू भी पैग़ाम देते हैं ,
मेरी तनहाई का दामन , चुपके से थाम लेते हैं !
ढलकता हो तेरा आँचल , या तेरी ज़ुल्फ़ के साये ,
तेरे अन्दाज़ से ही तुझको , हम पहचान लेते हैं !
तेरा मुस्काना कुछ ऐसा , जहाँ के ग़म मिटा दे वो ,
तेरे होठों की मस्ती पे , जहाँ क़ुर्बान देते हैं !
तेरा कहना मुझे वो फिर , पलट के फिर नहीं आना ,
तेरे सदक़े में बैठे हैं , जो तुझपे जान देते हैं !
तेरी तक़दीर थी शायद , जो पहचान ना पायी ,
वरना सबको ना हम ये , प्यार का अरमान देते हैं !
रवि ; दिल्ली : २३ अगस्त २०१३
तेरी आँखों से निकले आँसू भी पैग़ाम देते हैं ,
मेरी तनहाई का दामन चुपके से थाम लेते हैं !
रवि ; दिल्ली : २२ अगस्त २०१३
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