तू और आईना .. !!
हम आँखों में तेरी सूरत सजा के आते हैं ,
और फिर आईने में उससे ही शरमाते हैं !
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आईने पर भी आ जाती है इश्क़े बहार ,
बस इक बार जो तू मुस्कुरा के देख ले !
मेरी आँखों से भी ना उतरे तेरा ख़ुमार ,
बस इक बार जो तू मुस्कुरा के देख ले !
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रवि ; २४ अक्टूबर २०१३
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