जब भी …. !!
जब भी , दिल की ज़ुबान , सुनते हैं ,
ख़्वाब फिर , कुछ नये से , बुनते हैं !
रवि ; दुबई : २४ दिसम्बर २०१३
जब भी , दिल की ज़ुबान , सुनते हैं ,
ख़्वाब फिर , कुछ नये से , बुनते हैं !
रवि ; दुबई : २४ दिसम्बर २०१३
मेरी दुनिया के मालिक तूने , दुनिया क्या बनाई है ,
कहीं पर ग़म के मेले हैं , कहीं बजती शहनाई है !
रवि ; दिल्ली : २१ दिसम्बर २०१३
ख़ुशबू आई है , हवाओं में , बहारों की तरह ,
जब से पाया तुझे , ख़्वाब में , यारों की तरह !
रवि ; दिल्ली : १७ दिसम्बर २०१३
तेरे पहलू में , ज़माने की , ख़ुशी मिलती है ,
वक़्त बीता है , मगर प्यास , ये ना ढलती है !
रवि ; दिल्ली : १३ दिसम्बर २०१३
छुपाई जो हथेली में सूरत , उसने बातों में ,
छिपाया हो जैसे बादलों ने , चाँद रातों में !
रवि ; दिल्ली : ८ दिसम्बर २०१३
एक सच का फ़ासला है , तेरे मेरे दरमियाँ ,
झूठ का बिखरा सिला है , तेरे मेरे दरमियाँ !
रवि ; दिल्ली : ५ दिसम्बर २०१३
ज़िन्दगी जीने का बस , ऐसा तरीक़ा चाहिये ,
हमें दूसरों से प्यार हो , ऐसा सलीक़ा चाहिये !
रवि ; दिल्ली : ४ दिसम्बर २०१३
मेरी ख़्वाहिशों की बात , बस इक आस होती है ,
मगर वो मुस्कुरायें तो , बात इक ख़ास होती है !
रवि ; दिल्ली : २५ नवम्बर २०१३
तेरे आने का इन्तज़ार किया ,
तुझसे ज़्यादा है तुझे प्यार किया !
रवि ; लंदन : २० नवम्बर २०१३
उनसे कह दो कि वो , सपनों में , आया ना करें ,
जो कभी आयें तो , सुबह तलक , जाया ना करें !
जो कभी उनके , तसव्वुर में मैं , डूबा हूँ अगर ,
तो कभी भूल से , मुझको वो , जगाया ना करें !
मेरी आँखों में जब , दिख जाती है , सूरत उनकी ,
तो वो आईने को , ख़ुद को यूँ , दिखाया ना करें !
ख़ुशबू का उनकी , अहसास हो , होठों से कभी,
तो वो होठों से मेरे , होठों को , हटाया ना करें !
जब सिमट जाते हैं , मेरी बाहों में , मेरे वो हुज़ूर ,
तो वो चेहरे को , यूँ ज़ुल्फ़ों से , छुपाया ना करें !
रवि ; न्यूयार्क : १८ नवम्बर २०१३
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