धनवान ! August 11 2013| 0 comments | Category : Poetry , Shayari जिसका हो जितना ही धन , वो उतना बड़ा धनवान है , बनाया जिसने भी ये क़ायदा , वो सबसे बड़ा नादान है , जो बाँट सके अपनों ग़ैरों में , सबकी ख़ुशी और दर्द में , वही इन्सानों में इन्सान है , और बस वो ही धनवान है ! रवि ; दिल्ली : ११ अगस्त २०१३