तेरे मेरे प्यार के क़िस्से , बनें आज क्यूँ अफ़साने ,
ये मैं जानूँ , या तू जाने !

शमा जलाना ना चाहे , फिर क्यूँ जलते हैं परवाने ,
ये मैं जानूँ , या तू जाने !

उम्र प्यार की होती है , क्यूँ इसको ना दिल माने ,
ये मैं जानूँ , या तू जाने !

चाहत पे कोई ज़ोर नहीं , क्यूँ लगते प्यारे अनजाने ,
ये मैं जानूँ , या तू जाने !

मैं तेरी जान हूँ जानम , फिर ख़ुदा मुझे तू क्यूँ माने ,
ये मैं जानूँ , या तू जाने !

रवि ; दिल्ली .. न्यूयार्क : ७ अप्रैल २०१३