मंज़र .. ! June 27 2014| 0 comments | Category : Poetry , Shayari मय का मंज़र हो , और जाम हो , लबों पे मेरे , और जी पीने से , मुकर जाये , तो क़रार आये ! रवि ; दिल्ली : २७ जून २०१४