कह के ख़ुशबू को , तेरी याद , बुलाई हमने ,
तंज सुनके भी , ना फ़रियाद , भुलाई हमने !

तूने चाहा था , मेरा साथ , उम्र भर के लिये ,
तू ना आई मगर , तेरी चाह , बुलाई हमने !

तेरी आँखों में , थे आँसूं और , परछांई मेरी ,
दिल को हर रोज़ , सूरत वो , दिखाई हमने !

तुझसे वादा था , मर के भी ना , भूलेंगे तुझे ,
लम्हा लम्हा , ये क़सम ख़ूब , निभाई हमने !

तुझको पूजा , तुझे चाहा है , हर घड़ी हमने ,
बिन तेरे साँसों पे , बंदिश है , लगाई हमने !

इन फ़िज़ाओं में नहीं , दिल में हम , रहते हैं तेरे ,
ख़ुद तेरे दिल की , धड़कन है , चलाई हमने !

रवि ; दिल्ली : ८ नवम्बर २०१३