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जीवन सिन्धु में नैया खेना बिलकुल आसान नहीं है ,
किन्तु झंझावत से हार मानना भी कोई मान नहीं है ,
नियति लहर उठी है ऊँची और उठेगी कल भी यूँ ही ,
निमंत्रण लहरों का ठुकराना कोई स्वाभिमान नहीं है !

विषम स्थिति से भयभीत होना कोई सम्मान नहीं है ,
हार कर पुन: प्रयत्न करना कदाचित अपमान नहीं है ,
निश्चय साहस धीर का अन्तत: होता है विजय घोष ,
सृष्टि भी इस सत्य नियम से किचिंत अनजान नहीं है !

जीवन सिन्धु में नैया खेना ….