चाह के …… !! August 01 2014| 0 comments | Category : Poetry , Shayari इश्क़ की नाकामियों पर , दिल मेरा क्यूँ रोता है , चाह के चंदा को सूरज , बिन मिले ही तो सोता है ! रवि ; दिल्ली : १ अगस्त २०१४