ऐतबार … !!
रगों का ख़ून बहाकर भी , ग़र इक़रार होता है ,
उसको तब भी ना कोई , मेरा ऐतबार होता है !
रवि ; दिल्ली : २० सितम्बर २०१३
रगों का ख़ून बहाकर भी , ग़र इक़रार होता है ,
उसको तब भी ना कोई , मेरा ऐतबार होता है !
रवि ; दिल्ली : २० सितम्बर २०१३
तेरे तसव्वुर में रहने की मुझे आदत है ,
क्यूँ होश में आने की कोई बात करूँ !
रवि ; दिल्ली : १६ सितम्बर २०१३
हिन्दी देश की आत्मा , उर्दू है इसका दिल , हर ज़र्रा मुस्कुराये , जब चलें ये दोनों मिल !
रवि ; रुड़की : १४ सितम्बर २०१३
मेरी क़श्ती का , मुझे कोई , किनारा ना मिला ,
है फ़लक ढूंढा , मगर मेरा वो , तारा ना मिला !
रवि ; ५ सितम्बर २०१३
तेरी यादों के , साये में जाये , ये मेरी ज़िन्दगी ,
तुझ पे यूँ , दिल लुटाये , ये मेरी ज़िन्दगी !
रवि ; दिल्ली : ३० अगस्त २०१३
फ़ुरसत ना उनको जफ़ा से , ना हमको वफ़ा मिली ,
जब भी मिली ये ज़िन्दगी , थोड़ी सी ख़फ़ा मिली !
रवि ; दिल्ली : ३१ अगस्त २०१३
जफ़ा में तेरी , मेरे प्यार का , क़सूर न था ,
प्यार का तेरा , निभाना मगर , ज़रूर न था !
रवि ; दिल्ली : २९ अगस्त २०१३
इश्क़ का ये सिलसिला , अक्सर ग़रीब है ,
है दूर जो होता वही , लगता क़रीब है !
रवि ; दिल्ली : २४ अगस्त २०१३
तेरी आँखों से निकले आँसू भी पैग़ाम देते हैं ,
मेरी तनहाई का दामन चुपके से थाम लेते हैं !
रवि ; दिल्ली : २२ अगस्त २०१३
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