मुस्कान !
मुश्किल इस राह में , मुस्कान नहीं छोड़ूँगा ,
ऊँचाई की चाह में , स्वाभिमान नहीं छोड़ूँगा ।
रवि ; दिल्ली : १० मई २०१३
मुश्किल इस राह में , मुस्कान नहीं छोड़ूँगा ,
ऊँचाई की चाह में , स्वाभिमान नहीं छोड़ूँगा ।
रवि ; दिल्ली : १० मई २०१३
वक़्त को अपने बदलना चाहता हूँ ,
ख़ुद ब ख़ुद मैं सम्भलना चाहता हूँ ,
चलूँ तनहा या तेरा इन्तज़ार करूँ ,
कशमक़श से निकलना चाहता हूँ ।
रवि ; दिल्ली : ९ मई २०१३
टूटते तारों को आँखों में बसाया है ,
उनकी यादों को साँसों में छुपाया है ,
कभी समंदर को समेटा था बाहों में ,
आज ख़ुद उसे साहिल पे लुटाया है !
रवि ; दिल्ली : ८ मई २०१३
रवि ; दिल्ली : ३ मई २०१३
बस आज ये माँगूँ , कि मैं जान पाऊँ ,
ख़ुदा के अहसानों को , मैं मान पाऊँ ,
दिया है उसने बहुत , मैं ये देख सकूँ ,
हर पल में ख़ुशी को, मैं पहचान पाऊँ !
रवि ; एटलांटा : १४ अप्रैल २०१३
रवि : दिल्ली ; ४ अप्रैल २०१३
आज तुम मेरे , आने का , इन्तज़ार करो ,
ज़िद ना करो , प्यार का , इज़हार करो ।
रवि ; मुम्बई : ३ मार्च २०१३
मिली नज़र जो आपसे , ना दूर हो सके ,
ये बात और है कि ना , मशहूर हो सके ।
थी बीमारी आपको , भुलाने की रिश्ते ,
इसीलिये आँखों का हम ना , नूर हो सके ।
मेरी नज़र में आप थीं , पर आप में कोई और,
हम आपकी नज़र का ना , सुरूर हो सके ।
आपकी आँखों और , बातों में थी जफ़ा ,
मेरे ख़्वाब फिर भी ना , मजबूर हो सके ।
जीते हैं मोड़ ज़िन्दगी के , हमने सब यहाँ ,
पर ना इश्क़ के मैदान के , हुज़ूर हो सके ।
रवि ; दिल्ली : १ अप्रैल २०१३
मिली नज़र जो आपसे , ना दूर हो सके ,
ये बात और है कि , ना मशहूर हो सके ।
रवि ; दिल्ली : १ अप्रैल २०१३
मुसाफ़िर मैं अदना सा , और रास्ते कई हैं ,
हर रास्ते से लिपटे , यहाँ वास्ते कई हैं ,
चलूंं अब किधर मैं , मुश्किल है ये समझना ,
पर इन्सान को हमेशा , खुदके ही साथ चलना ,
खो जाऊँ अब अगर , क्यूँ मैं डरता हूँ ,
बस अपने ही वास्ते , क्यूँ मैं मरता हूँ ,
है रात बहुत बीती , ये जवाब मुझे चाहिये ,
ख़ुद के लिये चलूँ , या सवाब मुझे चाहिये ,
मुश्किल है ये बात , और आसां भी यही है ,
है सबको जो चलाता , वो तो यहीं कहीं है ,
फिर सोच में क्यूँ डूबा , ले रास्ता पुराना ,
चल चुके जो इस रस्ते , बोलें बड़ा सुहाना ,
ठाना अब ये मैंने , करना मुझे यही है ,
सब रास्ते हैं मेरे , डरना मुझे नहीं है ,
चलना है मुझे अब , बस एक ख़ुदा के वास्ते ,
कहते हैं ग़ुल खिलेंगे , फिर मेरे हरेक रास्ते !!
रवि ; दिल्ली : २७ मार्च २०१३
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