ख़ामोशी !
ख़ामोशी की आवाज़ सुनने की हमें आदत है ,
तनहाई के फूल चुनने की हमें आदत है !
रवि ; दिल्ली : ३ अगस्त २०१३
ख़ामोशी की आवाज़ सुनने की हमें आदत है ,
तनहाई के फूल चुनने की हमें आदत है !
रवि ; दिल्ली : ३ अगस्त २०१३
किसको भूलूँ और किसे याद करूँ ,
इस दिल से कैसे मैं फ़रियाद करूँ ,
रहूँ तनहा तो ढूँढता हूँ अपनों को ,
और भीड़ में तनहाई आबाद करूँ !
रवि ; मुम्बई : २ अगस्त २०१३
मर के भी जीता हूँ मैं हर पल यहाँ ,
पल पल जी के मर चुके हैं वो जहाँ !
रवि ; दिल्ली : ३० जुलाई २०१३
मिले दिलों का रंग तो , बन जाये जी जान ,
रंग मन के ना मिले , तो हर रिश्ता बेजान !
रवि ; दिल्ली : २८ जुलाई २०१३
ना ज़िन्दगी में कुछ भी , बेहिसाब होता है ,
हर ग़लती की सज़ा का , हिसाब होता है !
रवि ; दिल्ली : २६ जुलाई २०१३
तस्वीर तेरे चेहरे की , पल पल उभरती है ,
इक लहर तेरी याद की , हर पल सँवरती है !
रवि ; दिल्ली : २४ जुलाई २०१३
जब दुनिया से जाने की मेरी बात हुई ,
तब चीजों के बंटने की शुरूआत हुई !
रवि ; दिल्ली : १९ जुलाई २०१३
समंदर हूँ लहरों में , दूर तलक जाता हूँ ,
दूर आसमां से , साहिल को मिलाता हूँ !
फ़लक भी है इक किनारा , उम्मीद बढ़ाता हूँ ,
नामूमकिन कुछ नहीं है , इसां को बताता हँू !
देखें जो मुझको आशिक़ , आँखो में प्यार लेके ,
मैं इश्क़ की नज़र में , वादे को जगाता हूँ !
पा लोगे जो भी चाहो , ग़र सोच हो सबर हो ,
छाती में सीप की मैं , मोती को खिलाता हूँ !
धरती को जोड़ता मैं , लोगों को मिलाता हूँ ,
साये में चाँदनी के , सूरज को दिखाता हूँ !
रवि ; दिल्ली : १८ जुलाई २०१३
समंदर हूँ लहरों में , दूर तलक जाता हूँ ,
दूर आसमां से , साहिल को मिलाता हूँ !
रवि ; दिल्ली : १७ जुलाई २०१३
ज़िन्दगी से मेरी कल मुलाक़ात है ,
सवालाें में उलझी मेरी रात है !
रवि ; दिल्ली ; १६ जुलाई २०१३
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