तुझको ….. !!
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तुझको तनहाइयों में सजाते रहे ,
उम्र भर यूँ ही हम गुनगुनाते रहे !
रवि ; दिल्ली : ४ मार्च २०१४
तुझको तनहाइयों में सजाते रहे ,
उम्र भर यूँ ही हम गुनगुनाते रहे !
रवि ; दिल्ली : ४ मार्च २०१४
मेरे दिल की , मुझे धड़कन , इतना क्यूँ सताती है ,
जिसे मैं , भूलना चाहूँ , क्यूँ अक्सर याद आती है !
जो मुझसे ना , कहा तूने , मेरे इज़हार के बदले ,
मुझे तू , मेरे ख़्वाबों में , क्यूँ अब वो सुनाती है !
गुज़रा वो , हरेक लम्हा , ठहरा है ख़यालों में ,
तेरी ख़ुशबू , हरेक पल में , क्यूँ उनको बुलाती है !
मेरे दिल ने , सताया था , तेरे दिल को कभी शायद ,
धड़कन बन , उसी दिल में , क्यूँ अब तू समाती है !
जिसे तूने , छिपाया था , बरसों से इन आँखों में ,
सूखा वो , एक आँसू अब , क्यूँ पलकों से गिराती है !
रवि ; दिल्ली : २३ फ़रवरी २०१४
मेरे दिल की , मुझे धड़कन , इतना क्यूँ सताती है ,
जिसे मैं , भूलना चाहूँ , क्यूँ अक्सर याद आती है !
रवि ; दिल्ली : २१ फ़रवरी २०१४
तू ख़्वाबों से तसव्वुर में , आ के मुझ पे छाई है ,
ख़ुदा की कैसी क़ुदरत है , क्या सूरत बनाई है !
रवि ; मुम्बई : १४ फ़रवरी २०१४
शाश्वत
सत्य
स्वप्न
संसार !
करूणा
प्रेम
हृदय
संचार !!
रवि ; दिल्ली : ६ फ़रवरी २०१४
कैसे कह दूँ कि , दुनिया बड़ी हरजाई है ,
जबकि पहलू में तेरे , मैंने ख़ुशी पाई है !
रवि ; दिल्ली : २ फ़रवरी २०१४
दुनिया में ये आशिक़ दिल को , समझाने किधर जाये ,
इधर जाये उधर जाये , या फिर यूँ ही मर जाये !
ख़ुदा जिसको बनाया था , है उसकी इन्तज़ारी बस ,
पल बीता बरस बीते , यूँ ही ना उमर जाये !
आँखों का वो मोती जो , दुनिया से छुपाया है ,
ऐसा ना हो टूटे दिल , और ये आँसू गिर जाये !
सपनों की अभी ख़ुशबू , जो बिखरी है इन आँखों में ,
डर है टूटे ना कोई तारा , कि सपना ही बिखर जाये !
तसव्वुर में तेरे दिल की , धड़कन सुन लगा है ये ,
साँसों की मेरी हस्ती , ना बस्ती से गुज़र जाये !
रवि ; दिल्ली : १२ जनवरी २०१४
दुनिया में ये आशिक़ दिल को , समझाने किधर जाये ,
इधर जाये उधर जाये , या फिर यूँ ही मर जाये !
रवि ; दिल्ली : ११ जनवरी २०१४
मेरे मालिक तू मुझको , दुआओं का करम दे दे ,
ग़रीबों के लिये दिल में , तू मेरे रहम दे दे !
रवि ; दिल्ली : ९ जनवरी २०१४
नित्य प्रति नव हर्ष हो !
हर्ष प्रिय नव वर्ष हो !!
प्रभु समर्पित चेतना हो ,
जग समर्पित वेदना हो ,
प्रियजन से संवेदना हो ,
जीवन लक्ष्य भेदना हो !
नित्य प्रति नव हर्ष हो !
हर्ष प्रिय नव वर्ष हो !!
उमंगित जीवन आशा हो ,
जीवन दर्शन जिज्ञासा हो ,
सुकल्याण अभिलाषा हो ,
सर्वधर्म प्रेम परिभाषा हो !
नित्य प्रति नव हर्ष हो !
हर्ष प्रिय नव वर्ष हो !!
रवि ; दिल्ली : १ जनवरी २०१४
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