हक़ीक़त !! February 01 2015| 0 comments | Category : Poetry हसरतों उम्मीदों और मक़सदों का है खेला , लम्हों का ये समंदर और यादों का है मेला , लगा लो गले हंस के या रो रो के साँस लो , दो पल की ये दुनिया फिर जाना है अकेला !