बस आज ये माँगूँ , कि मैं जान पाऊँ ,
ख़ुदा के अहसानों को , मैं मान पाऊँ ,
दिया है उसने बहुत , मैं ये देख सकूँ ,
हर पल में ख़ुशी को, मैं पहचान पाऊँ !

रवि ; एटलांटा : १४ अप्रैल २०१३