…. इन्कार नहीं है !
इश्क़ है तुझसे मुझे ,
इन्कार नहीं है ,
और तू है उससे बेख़बर ,
इन्कार नहीं है !
तेरी ख़ुशबू से महकती ,
साँसें हैं मेरी ,
तू मेरी यादों में है ,
इन्कार नहीं है !
देख ले ना तुझे कोई ,
नज़रों में मेरी ,
तू मेरी आँखों में है ,
इन्कार नहीं है !
चूमा था जो तूने मुझे ,
गर्म होठों से ,
ख़्वाब में पिघला था मैं ,
इन्कार नहीं है !
ओस की एक बूँद तू ,
चाँदनी में भीगती ,
मैं इक तरसता चाँद हूँ ,
इन्कार नहीं है !
रवि : फ़ीनिक्स : ११ अप्रैल २०१३