हुस्न ! November 01 2012| 0 comments | Category : Poetry , Shayari बेतकल्लुफ़ रहे रात भर वो आग़ोश में हमारी , यूँ ही नहीं हम हुस्न में सराबोर हैं आज ! रवि ; दिल्ली : १ नवंबर २०१२