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किसको भूलूँ और किसे याद करूँ ,
इस दिल से कैसे मैं फ़रियाद करूँ ,
रहूँ तनहा तो ढूँढता हूँ अपनों को ,
और भीड़ में तनहाई आबाद करूँ !

रवि ; मुम्बई : २ अगस्त २०१३