रज़ा …. !!
तेरी नज़रों से घायल हूँ , अब तू ही दवा दे दे ,
ज़ुल्फ़ों की मुझे अपनी , तू थोड़ी सा हवा दे दे !
तुझे ख़्वाबों में देखा है , बरसों से यहाँ मैने ,
मुझे ख़्वाबों में आने की , तू अब मुझको हाँ दे दे !
मैं परवाना हूँ आशिक़ हूँ , तेरे जलवों का ज़माने से ,
रहम कर ज़िन्दगी पे अब , तू थोड़ी सी शमा दे दे !
सितारे आँखों में तेरी , सजा पलकों पे सूरज है ,
परिन्दा हूँ मैं हसरत का , तू मुझको आसमां दे दे !
मैं तेरा ही रहूँ मर के , मेरी बस ये ख़्वाहिश है ,
अगले पल ही मर जाऊँ ग़र , तू मुझको रज़ा दे दे !
रवि ; दिल्ली : २४ सितम्बर २०१३