हिम्मत ! December 15 2012| 0 comments | Category : Poetry , Shayari भँवर में क़ैद पानी की मँझधार हमने देखी है , आदमी की ख़ुदाई से वो गुहार हमने देखी है , ज़िन्दगी ही ज़िन्दगी से भीख़ माँगे फिर भी , आदमी की हिम्मत वो बेशुमार हमने देखी है ! रवि ; दिल्ली : १५ दिसम्बर २०१२