सौग़ात ! ……… Saugaat !
मेरी ज़िन्दगी की बात है ,
एक रात यहाँ से गुज़री है ,
बयां कभी जो हो ना सके ,
वो बात यहाँ से गुज़री है !
जिसको कभी देखा ही नहीं ,
वो नज़र यहाँ से गुज़री है ,
जिसको कभी जाना ही नहीं ,
वो सहर यहाँ से गुज़री है !
छुआ जिसने जिस्म को उसके ,
वो हवा यहाँ से गुज़री है ,
जो मैंने की थी उसके लिए ,
वो दुआ यहाँ से गुज़री है !
गुजरें हैं दिन हैं गुज़री रातें ,
सोच रहा हूँ वो सारी बातें ,
सपनों में देखी उसके लिए ,
वो सौग़ात यहाँ से गुज़री है !!
रवि ; अहमदाबाद : २ अगस्त २०११
Meri zindagi ki baat hai ,
Ek raat yahan se guzari hai ,
Bayan kabhi jo ho na sake ,
Wo baat yahan se guzari hai !
Jisko kabhi dekha hi nahin ,
Wo nazar yahan se guzari hai ,
Jisko maine jaana hi nahin ,
Wo sahar yahan se guzari hai !
Chhua jisne jism ko uske ,
Wo hawa yahan se guzari hai ,
Jo maine ki thi uske liye ,
Wo dua yahan se guzari hai !
Gujaren hain din hain gujari raaten ,
Soch raha hoon wo saari baaten ,
Sapanon mein dekhi uske liye ,
Wo saugaat yahan se guzari hai !!
Ravi ; Ahmedabad : 2 August 2011