304504_2142579738373_553090_n

मुझे हर मूरत में अब तेरी सूरत दिखाई देती है ,
तुझे पाने की हर सूरत में ज़रूरत दिखाई देती है !

रवि ; अहमदाबाद : ६ सितम्बर २०११

Mujhe har moorat mein ab teri soorat dikhaai deti hai ,
Tujhe paane ki har soorat mein zarurat dikhaai deti hai !

Ravi ; Ahmedabad : 6 September 2011 ….