समां … ! April 15 2014| 0 comments | Category : Poetry , Shayari है चमकती धूप और , रोज़ है दिलकश समां , दुआओं से हर रोज़ सँवरी , जाये मेरी ज़िन्दगी ! रवि ; दिल्ली : १५ अप्रैल २०१४