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ज़िन्दगी में सबकी बस , ऐसा ही नूर हो ,

ख़ुशियाँ हों हर साँस में , ऐसा सुरूर हो !

चमक हो दिलों में , हर पल हँसी साथ हो ,

ग़ैर दर्द में आँसू पर , आँख में ज़रूर हो !

चाहे कभी आपका , कोई नाम हो न हो ,

दरियादिली पर आपकी , बहुत मशहूर हो !

बच्चों से ख़्वाब हों , सब्र का इनाम हो ,

ज़िन्दगी इमान की , जीने का शऊर हो !

कामयाबी हर क़दम , मंज़िल मक़बूल हो ,

पर कभी भूल से भी , न कोई मगरूर हो !

रवि ; दिल्ली : १५ मार्च २०१४