वफ़ा ! ….. ……. Vafa !
वफ़ा को हमने तुमसे निभाने की क़सम खायी है ,
ख़ुद को तुम से ना मिलाने की क़सम खायी है ,
ग़म चाहे कितने भी आयें अब इस ज़िन्दगी में ,
याद तुम्हे करके मुस्कुराने की क़सम खायी है !
रवि ; अहमदाबाद : १५ दिसंबर 2011
Vafa ko hamne tumse nibhane ki kasam khayi hai,
Khud ko tum se na milaane ki kasam khayi hai,
Gum chaahe kitani bhi ab aayen is zindagi mein,
Yaad tumhe karke muskuraane ki kasam khayi hai !
Ravi ; Ahmedabad : 15 December 2011