वो लम्हा ! January 11 2013| 0 comments | Category : Poetry , Shayari मैं उनके सामने ही , यूँ वक़्त में गुज़र गया ; तो कभी उनकी आँखों में , यूँ ही ठहर गया ; ना वो बोले ना मैं बोला, ज़िन्दगी चलती रही ; वो लम्हा पास होकर भी,कहने से मुक़र गया ! रवि ; दिल्ली : ११ जनवरी २०१३