रिश्ता !!
ज़िन्दगी में प्यार का , रिश्ता पुराना होता है ,
कभी वो अपना होता है , कभी बेगाना होता है ।
दिल जो आयें पास तो , रेशम का धागा है मगर ,
दूर हों तो ज़िन्दगी भर , ताना बाना होता है ।
गुज़रा हो जो इश्क़ से , जानता दिल की कसक ,
दूर लोगों के लिये बस , इक फ़साना होता है ।
भीड़ में देखूँ उन्हे तो , पुतलियाँ हटती नहीं ,
उनकी नज़रों का सबब फिर , क्यूँ बेगाना होता है ।
ना अगर चाहें मुझे वो , इस जनम में क्या हुआ ,
मानता हूँ मैं कि मर के , फिर से आना होता है ।
रवि ; दिल्ली : ३ मई २०१३