ये दिल ! ……… Ye Dil !
मेरा तो वो था ही नहीं , ये रोज़ ही मुझसे कहता है ,
और जिसका वो हो ना सका , उसके ग़म में रहता है !
रवि ; अहमदाबाद : २६ नवम्बर २०११
Mera to Wo tha hi nahin , ye roz hi mujhse kahta hai ,
Aur jiska Wo ho na saka , uske gam mein rahta hai !
Ravi ; Ahmedabad : 26 November 2011