मेरे वो हुज़ूर …. !!
उनसे कह दो कि वो , सपनों में , आया ना करें ,
जो कभी आयें तो , सुबह तलक , जाया ना करें !
जो कभी उनके , तसव्वुर में मैं , डूबा हूँ अगर ,
तो कभी भूल से , मुझको वो , जगाया ना करें !
मेरी आँखों में जब , दिख जाती है , सूरत उनकी ,
तो वो आईने को , ख़ुद को यूँ , दिखाया ना करें !
ख़ुशबू का उनकी , अहसास हो , होठों से कभी,
तो वो होठों से मेरे , होठों को , हटाया ना करें !
जब सिमट जाते हैं , मेरी बाहों में , मेरे वो हुज़ूर ,
तो वो चेहरे को , यूँ ज़ुल्फ़ों से , छुपाया ना करें !
रवि ; न्यूयार्क : १८ नवम्बर २०१३