मशरूफियत … !! February 20 2015| 0 comments | Category : Poetry ज़िन्दगी में ज़रूरतों का सामान भरते भरते , मशरूफियत ज़िन्दगी को ज़िन्दा निगल गयी , बस सोचते ही रह गये कभी जियेगें हम भी , पर हर घड़ी अपने आने से पहले निकल गयी !