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ज़िन्दगी की बात थी , तो ज़िन्दगी में खो गये ,
मैं भी उनका हो गया , और वो भी मेरे हो गये !

कल तलक नज़दीक़ थे , पर फ़ासले थे सोच में ,
आँखों से पर्दा हटा , तो हम भी क़ायल हो गये !

वो वहाँ पर वो न थे , और मैं यहाँ पर मैं न था ,
आज पर जो दिल मिले , तो मैं से हम हम हो गये !

आँखों में उनकी चमक , और शोख़ी है अन्दाज़ में ,
होंठ अब उनके जहाँ में , सबसे मीठे हो गये !

वो वहाँ मगरूर हैं , और मैं यहाँ मदहोश हूँ ,
प्यार की इस दिल्लगी में , दोनों पागल हो गये !!

रवि ; दिल्ली : २२ जुलाई २०१३