पहचान ! July 13 2013| 0 comments | Category : Poetry , Shayari मैं हूँ आग़ का दरिया , वो बरसाता पानी है , इस बादल से मेरी , बहुत पहचान पुरानी है ! रवि ; दिल्ली : १३ जुलाई २०१३