नियत August 17 2011| 0 comments | Category : Poetry , Shayari सौंपा है हमीं ने उन्हें तख्तो ताज , और दी है हमीं ने उन्हें वो आवाज़ , पर नियत को उनकी बदल ना सके , जो नहीं आती बेईमानी से बाज़ | रवि ; अहमदाबाद : १७ अगस्त २०११