जूनून !! …… Junoon !!
ज़िन्दगी का अजब , हो उठा है ये सिलसिला ;
जिससे है की वफ़ा , दर्द उसी से है मिला !
ना की थी ये वफ़ा , किसी भी उम्मीद से ;
इसीलिए किसी बात का , हमें ना है गिला !
तुम सोचते होगे , कि मुझे तुमने है छोड़ा ;
पर मैं ये सोचता हूँ , कि तुमको ना मैं मिला !
हम तो हैं ऐसे , और ऐसे ही हम रहेंगे ;
चाहे हों हम अकेले , या साथ फिर है काफिला !
अपने मैं उस खुदा का , करूँ कैसे यहाँ शुक्रिया ,
मुझसे कहीं अच्छा , मेरा दिल मुझको है मिला !
यादों को तेरी दिल में , मैने रखा संभालकर है ;
चाहे रहा हो जितना , ख्यालों का मेरे ज़लज़ला !
यहाँ उम्मीद से बेहतर , है निकला मेरा जूनून ;
मेरी आरज़ू को उसने , ज़िन्दा किया बिना सिला !
रवि ; अहमदाबाद : १३ दिसंबर २०११
*************
Zindagi ka ajab , ho utha hai silsila ;
Jisse ki wafa , dard usi se hai mila !
Na ki thi wafa , hamne kisi umeed se ;
Isiliye kisi baat ka , na hai hamen gila !
Tum sochte hoge , ki choda hai tumne muijhe ;
Main ye sochta hun , ki main tumhe nahin mila !
Ab hum to hain aise , aur aise hi rahenge ;
Chahe hon hum akele , ya ho saath kafila !
Kaise karun shulriya , main apne us khuda ka ;
Kyonki Mujhse achchha , mujhe mera dil mila !
Teri yadon ko dil mein , rakha hai sambhalkar ;
Chahe raha ho jitna , khayalon ka zalzala !
Umeed se behtar , nikla hai mera junoon ;
usne aarzoo ko , zinda rakha bina sila !
Ravi ; Ahmedabad : 13 December 2011