ज़ुल्फ़ों के साये ! July 11 2013| 0 comments | Category : Poetry , Shayari दुनिया की उलझी बातों को , मन में सुलझाता हूँ मैं , ज़ुल्फ़ों के साये में तेरे , ख़्वाबों में खो जाता हूँ मैं ! रवि ; दिल्ली : ११ जुलाई २०१३