ज़हर !! October 20 2013| 0 comments | Category : Poetry , Shayari बस देखना है ये हमें , सैलाब कहाँ तक है , इस दिल की बस्ती का , बूता कहाँ तक है , पढ़ के दुआ तेरे लिये , अब जानना है हमें , ये ज़हर का सिलसिला , फैला कहाँ तक है ! रवि ; दिल्ली : २० अक्टूबर २०१३