ग़रीब ! August 24 2013| 0 comments | Category : Poetry , Shayari इश्क़ का ये सिलसिला , अक्सर ग़रीब है , है दूर जो होता वही , लगता क़रीब है ! रवि ; दिल्ली : २४ अगस्त २०१३