993727_10201372675833184_45484399_n

जुगनू आँखों में सजायें , तो ग़ज़ल होती है ,
दिया अश्क़ों से जलायें , तो ग़ज़ल होती है !

रवि ; दिल्ली : ६ अक्टूबर २०१३