उनसे कह दो कि , छू के ना वो , चले जाया करें ,
कभी कुछ पल , मेरे पहलू में भी , मुस्काया करें !

उनके छूने से , धड़क जाती है , धड़कन दिल की ,
यूँ मगर लौट के , ना दिल को वो , तड़पाया करें !

कभी खुद से तो , कभी चाँद से , करती हैं चुहल ,
वो कभी मुझेको भी , समझें और , समझाया करें !

कैसे कह दूँ कि , नहीं देखूँगा , मैं उनकी मांनिद ,
कह दो उनसे मुझे , आँखों में ना , उलझाया करें !

जब चले जातें हैं , बहुत दूर फिर , मुझको छूकर ,
तो कहो उनसे , ना फिर वो यूँ , पछताया करें !

रवि ; दिल्ली : ३१ अक्टूबर २०१३