इरादा !
मुश्किल इस राह में , मुस्कान नहीं छोड़ूँगा ,
ऊँचाई की चाह में , स्वाभिमान नहीं छोड़ूँगा ।
यादों के पुराने वो , मकान नहीं छोड़ूँगा ,
बचपन में बोया वो , आसमान नहीं छोड़ूँगा ।
दोस्त को अपने कभी , परेशान नहीं छोड़ूँगा ,
मदद के अपने कहीं , निशान नहीं छोड़ूँगा ।
लफ़्जों का अपने कभी , ईमान नहीं छोड़ूँगा ,
बड़ों की दुआओं का , जहान नहीं छोड़ूँगा ।
वक़्त को इरादों से , अनजान नहीं छोड़ूँगा ,
मौत में ज़िन्दगी को , वीरान नहीं छोड़ूँगा ।
रवि ; दिल्ली : १० मई २०१३