381153_2434735322080_280539163_n

नज़रों से मेरी तुम , राज़ छुपाये फिरते हो ;
आईनों से क्यूँ , अंदाज़ छुपाये फिरते हो !

रवि ; अहमदाबाद : २६ नवम्बर २०११

Nazaron SE meri tum , raaz chupaaye phirate ho ,
Aaeenon SE kyun , andaaz chupaaye phirate ho !

Ravi ; Ahmedabad : 26 November 2011