तस्वीर तेरे चेहरे की , पल पल उभरती है ,
इक लहर तेरी याद की , हर पल सँवरती है !

कैसे भुलाऊँ तेरे बदन की , मैं वो ख़ुशबू ,
वो संग मेरे आज भी , हर पल बिखरती है !

तेरे हसीन होंठ वो और , आँख वो चेहरा ,
ये ख़्वाब मेरी आँखों में , हर पल तू भरती है !

ना आज तू है हमसफ़र , ना है मेरी हमराज़ ,
फिर भी तेरी परछाँई , मेरे संग ठहरती है !

देखा नहीं है बरसों तुझे , ना तुझे सुना ,
पर आस दिल की ये , मरके ना मरती है !

रवि ; दिल्ली : २४ जुलाई २०१३