10635706_10203749594454664_2981523159921801008_n

अब तो ख़ामोशियाँ गुनगुनाने लगी हैं ,
खुद ब ख़ुद चाहतें मुस्कुराने लगी हैं ,
किसको बोलूं मैं किससे छिपाऊँ इसे ,
ख़ुशबूएं अब हवाओं में आने लगी है !